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Thursday, May 14, 2015

ना जाने कैसे वो मेरी आँखो के नूर बन गये ?

ना जाने कैसे वो मेरी आँखो के नूर बन गये,
मेरे ना चाहते हुये भी वो मेरे शूरूर बन गये,
हम तो उन्हें अपने दिल में जगह दिये थे,
उनकी खुशी के लिए I
लेकिन अब तो वे,
मेरे दिल की हर धड़कन ही बन गये I
हमने उनकी जिंदगी के लिए अपनी साँसे दी थी,
लेकिन अब तो वे,

मेरी जिंदगी की हर साँसे ही बन गये II
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Asheesh Kamal

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