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Wednesday, August 26, 2015

ऐ मेरे संदेश तू जा कर सीमा पार उन्हें कहना, उनके बिना आज भी ह्र्दय की गति मध्यम ही हैI

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Tuesday, August 25, 2015

जब आज, जिदगी से हुयी मुलाकात, मन को मिला जैसे, खुशीयों की सौगात

जब आज, जिदगी से हुयी मुलाकात,                            (1)
 मन को मिला जैसे, खुशीयों की सौगात, 
उनकी नजरों से नजरें, जब टकरा गये, 
दिल के अरमाँ, होठों पर आ गये II
…………………………………………………………………………………… 
मस्तिष्क, मन को संभाल न सका
थी मुहब्बत जो दिल में हमारी.... 
बढती धड़कनों को दिल भी, संभाल न सका II
…………………………………………………………………………………....
होठों ने सुना दिये उनको, मुहब्बत की तपिश
थी बेकरारी जो ह्रदय में हमारी, वर्षों से दबी
उनके आँखो में आखे डाल....2 जता न सका II
…………………………………………………………………………………..
हमने अपनी मोहब्बत का राजे इजहार कर दिया
लेकिन उन्हें अपने मोहब्बत के, आगोश मे कर न सका
सपने मेरे टूट कर, बिखर गये,
मैं अपनी पलकों के आँसू को, उनको दिखा न सका  II
………………………………………………………………………………….. 
शायद उनको मेरी मोहब्बत पर, यकिन न हुआ
फिर भी; 
उनकी आखों मे आखें डाल, दिल की बात हमने सुना दिया
पर; 
चंद मिनटों में ही उन्होने,
वर्षों की मेरी मोहब्ब्त को ठुकरा दिया II

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वो कहते हैं…                                                  (2)
“मोहब्बत पर यकिन नहीं मुझे, 
न दिल पिघलता है मेरा,
किसी के प्यार में,
गर करना ही है तुम्हें मोहब्बत,
तो जाओ? जाकर ढुँढो मेरे अलावा,
इस भरी संसार में
................................................................
हम भी कहाँ कम थे, हमने भी कह दिया
 
मिलता नहीं प्यार सच्चा इस संसार में,
ये वस्तु नहीं जो मिल जाये बाजार में, 
गर, एक से दिल न मिले,
तो कट जाती है जिंदगी,
उस बेपनाह मोहब्बत के ही इतजार में II
...........................................................
मैंने बहुत प्यार से अपने भींगे पलकों को
पोछते हुये पुन: कहा
तुमने ठुकरा दिया मेरी मोहब्बत को,
कोई बात नही,
लेकिन याद रखना,
तुम जाना उसके ही पास,
जो हो मेरे से भी बड़ा, इस संसार में  II
........................................................... 
और अंत में,                                                      (3)
अर्ज करता हुँ;
 
की ऐ दोस्तों
मुमकिन नहीं सभल जाऊँ,
मै उसके बिना,
क्योकि वर्षों की मोहब्बत है वो मेरी,
दुआ करना
बदल डाले खुदा,
अपने उन नियमों को,
और भर दे झोली मेरी
 
उसके मोहब्बत के आफताबों से,
उसके धड़कन, उसके नज्म,
और उसके खवाबों से II
..........................................................................
जब आज, जिदगी से हुयी मुलाकात, 
मन को मिला जैसे, खुशीयों की सौगात II 

                                                      ©आशीष कमल
                             ©आशीष कमल
























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Monday, July 6, 2015

मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी

मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी
मेरी धड़कनों से प्यारी, खुशी है तुम्हारी
तुम्हारे बिना, वजूद नहीं मेरा
मेरी साँसो से प्यारी, जिंदगी है तुम्हारी
मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी
मेरी धड़कनों से प्यारी, खुशी है तुम्हारी
इबादत बन के, मेरे नस नस में तू ही समायी है,
मोहब्बत बन के, मेरी दुनिया में तूही तो आयी है,
करती है तू गुप्तगू, मेरी धड़कनों से
बादल बन के खुशीयों की, मुझपे तू ही तो छायी है
मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी
मेरी धड़कनों से प्यारी, खुशी है तुम्हारी
रोम रोम में बसी है, मेरी तू ही तो
होठों की हँसी है, मेरी तू ही तो  
तुम्ही से मेरे चेहरे की रौनक है
मेरी हर इबादत में है, तू ही तो
मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी
मेरी धड़कनों से प्यारी, खुशी है तुम्हारी
मेरी गजल से प्यारी, बाते हैं तुम्हारी
मेरी आरजू से प्यारी, मन्नते हैं तुम्हारी
जिंदगी नहीं मेरी, तुम्हारे बिना
दिल में मेरे धड़कती है, धड़कन तुम्हारी
मेरी पलकों से प्यारी, हँसी है तुम्हारी

मेरी धड़कनों से प्यारी, खुशी है तुम्हारी


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Tuesday, June 23, 2015

तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की, तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी

तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
तुम्हारी आँखों में, जैसे खुशियों की शबनम
और चेहरा आफताब सी,
थम जाती है, साँसे मेरी
जब होता था एहसास, तुम्हारी, कोमल आवाज की
दिल, भावुक हो गया था
क्यूंकि;
तुम्हारी मधुर आवाज में, मधु मिठास सी
तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
जिन्द्गी ने, है करवट बदला
दिल से धड़कन, आज है निकला
बनारस में, झुमा सावन
विजयवाड़ा में सूर्य है जला,
मेरे ह्र्दय की हसरत, आज पूरी हुयी
जब सुनाया मैनें, अपने मन की बात
तुम बड़े प्यार से सुनती रही
तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
यै मेरे धड़कते हुये दिल,
तुम्हारे वफा पे, ऐतबार है मुझे
बस मेरी नजरों को,तुम्हारा दीदार हो जाये
इधर धरती, आसमाँ से कहे,
काश;
उस चाँद को भी आशीष से, प्यार हो जाये


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Sunday, June 14, 2015

अब त उहे, हमरा जिन्दगी के जान बन गइल

उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल
उ हमरा चेहरा के, पहचान बन गइल
जब डुबे लागल, हमार जिअरा के संसिया
त उहे हमरा दिलवा के प्राण बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
उ हमार आँख के नूर बन गइल
उ हमार मनवा के, कोहिनूर बन गइल
जब डगमगाये लागल, हमार जिन्दगी के रफ्तार
त उहे हमरा जिन्द्गी के पतवार बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
ए सखी; अब तोहरा से का कहीं हम

अब त उहे हमरा जिन्दगी के जान बन गइल I
Asheesh Kamal

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Wednesday, May 27, 2015

मेरे शिव

मेरे शिव;
भक्तों ने आपकी गाथाओं का जो गुनगाण किया,
भोलेनाथ, महादेव, नारायण है नाम दिया I
दयालु, निराकार, हैं ओंकार आप,
केदारनाथ, स्वयंभू और पालनहार आप, 
विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, बैजू विश्वनाथ आप,
रूप आपके इतने सारे, जैसे ब्रह्माण्ड में है सितारे I
मेरे शिव;
भक्तों ने आपकी गाथाओं का जो गुनगाण किया,
नीलकंठ, रामेश्वर, और नारायण आपने अपना नाम दिया I
आपकी कृपा से मिट्टी में जल, और धरा पर् उपवन,
सुर्य चन्द्रमा बादल गगन, झील नहर और पवन,
जिसे देख प्राणी होते मगन और उन्हें मिलते हैं जीवनI
मेरे शिव;
भक्तों ने आपकी गाथाओं का जो गुनगाण किया,
भोलेनाथ, महादेव रामेश्वरम, और नारायण आपने, अपना नाम दियाI
मुझे भक्ती का आप वरदान दो,
दया अब करो शिव और मुझे ज्ञान दो,
हो मनोरथ पूर्ण अर्धनारीश्वर मेरी,
मेरे ह्रदय में हो सिर्फ सूरत तेरीI
मेरे शिव;
आपके आशीष ने यही प्रार्थना और नमन है किया,
भोलेनाथमहादेव रामेश्वरमऔर नारायण आपने, अपना नाम दियाI




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