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मुझे नींद नहीं आती है रातों में,
तुम ख्वाब बनकर आ जाया करो,
मैं सूर्य बनकर ढ़ल रहा हूँ अँधेरों में,
तुम चाँदनी बनकर आ जाया करो,
तुम बिन सूना-सूना सा है पराग मेरी जिन्दगी का,
भौंरा बनकर तुम गुनगुनाया करो,
छोड़ कर न जाओ इस हालात में,
हमसफर बनकर आ जाया करो,
अब तो जीवन की साँसें भी बुझने लगी है,
तुम धड़कन बनकर आ जाया करो।
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