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Monday, May 18, 2015

मै रो पड़ता हुँ जब मेरा, अकेले साँस चलता है...

ना जाने क्यूँ तेरा पास आकर दुर होना; बड़ा दिल दुखाता है I
मै तड़प उठता हुं, तुम्हारी तस्वीर देखकर,
जाने क्यूँ मेरे कधे पर तेरा सर रखना; जब याद आता है,
मेरे ह्र्दय में दिया जब तुम्हारा, धड़कन धड़कता है,
मै रो पड़ता हुँ जब मेरा, अकेले साँस चलता है I
ना जाने क्यूँ तेरा पास आकर दुर होना; बड़ा दिल दुखाता है I
जो तुमने लगाया था, अपने लबों से मेरे होठों को,
जब मै अपने चेहरे को देखता आईने में,
ना जाने क्यूँ तुम्हारा ही चेहरा, मुझे नजर आता है,
मै तड़प उठता हुँ, अपने गालों को देखकर,
वो प्यार से तेरा जब गाल सहलाना, मुझे याद आता है I
ना जाने क्यूँ तेरा पास आकर दुर होना; बड़ा दिल दुखाता है I
जो गुजारे थे लम्हें, हमने चाँद के गोद में,
जो खायी थी कसमें हमने, एकदूसरे के आगोस में,
ना  जाने क्यूँ चाँद में तुम्हारा ही, अक्स नजर आता है,
मै रो पड़ता हुँ जब, पूर्णिमा बाद अमावस्या आता है I

ना जाने क्यूँ तेरा पास आकर दुर होना; बड़ा दिल दुखाता है I
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Asheesh Kamal

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