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Wednesday, May 27, 2015

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...

कुछ लोग मिल कर तड़पते हैं, 
तो कुछ लोग तड़प कर मिलते हैं I

कोई जिन्द्गी से मिल कर तड़पता है, 
तो कोई तड़प कर अपनी जिंदगी से मिलता है I

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...

कोइ ख्वाबों में मिलता है, 
तो कोइ मिल कर ख्वाब बन जाता है I

किसी से दिल नहीं मिलता, 
तो कोइ दिल से नहीं मिलता I 

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...

कोइ मिलने की दुआ करता है, 
तो कोइ न मिलने की दुआ करता है I

कोइ अपनों से मिलता है, 
तो कोइ मिल कर अपना हो जाता है I

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...

कोइ अपनों से मिल कर खुश हो जाता है, 
तो कोइ गैरों से मिल खुश होता है I

किसी से मिलने की खुशी होती है, 
तो किसी से मिल कर दुर होने की खुशी होती है I

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...

कोइ हमसे नहीं मिलता, 
तो किसी से हम नहीं मिलते I

मिलने का भी, अजीब दास्तां है दोस्तों ...


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Asheesh Kamal



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