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Tuesday, June 23, 2015

तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की, तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी

तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
तुम्हारी आँखों में, जैसे खुशियों की शबनम
और चेहरा आफताब सी,
थम जाती है, साँसे मेरी
जब होता था एहसास, तुम्हारी, कोमल आवाज की
दिल, भावुक हो गया था
क्यूंकि;
तुम्हारी मधुर आवाज में, मधु मिठास सी
तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
जिन्द्गी ने, है करवट बदला
दिल से धड़कन, आज है निकला
बनारस में, झुमा सावन
विजयवाड़ा में सूर्य है जला,
मेरे ह्र्दय की हसरत, आज पूरी हुयी
जब सुनाया मैनें, अपने मन की बात
तुम बड़े प्यार से सुनती रही
तुम्हारी बातों में, खुशबू गुलाब की
तुम्हारी होठों पे, मुस्कान लाजवाब थी
यै मेरे धड़कते हुये दिल,
तुम्हारे वफा पे, ऐतबार है मुझे
बस मेरी नजरों को,तुम्हारा दीदार हो जाये
इधर धरती, आसमाँ से कहे,
काश;
उस चाँद को भी आशीष से, प्यार हो जाये


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Sunday, June 14, 2015

अब त उहे, हमरा जिन्दगी के जान बन गइल

उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल
उ हमरा चेहरा के, पहचान बन गइल
जब डुबे लागल, हमार जिअरा के संसिया
त उहे हमरा दिलवा के प्राण बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
उ हमार आँख के नूर बन गइल
उ हमार मनवा के, कोहिनूर बन गइल
जब डगमगाये लागल, हमार जिन्दगी के रफ्तार
त उहे हमरा जिन्द्गी के पतवार बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
ए सखी; अब तोहरा से का कहीं हम

अब त उहे हमरा जिन्दगी के जान बन गइल I
Asheesh Kamal

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