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Sunday, June 14, 2015

अब त उहे, हमरा जिन्दगी के जान बन गइल

उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल
उ हमरा चेहरा के, पहचान बन गइल
जब डुबे लागल, हमार जिअरा के संसिया
त उहे हमरा दिलवा के प्राण बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
उ हमार आँख के नूर बन गइल
उ हमार मनवा के, कोहिनूर बन गइल
जब डगमगाये लागल, हमार जिन्दगी के रफ्तार
त उहे हमरा जिन्द्गी के पतवार बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
ए सखी; अब तोहरा से का कहीं हम

अब त उहे हमरा जिन्दगी के जान बन गइल I
Asheesh Kamal

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